PinnedPublished inmy tukbandiखेत, खेजड़ी और कमेड़ीRajasthani Kavita: म्हारी कविता भोळी कमेड़ी है… | A Rajasthani Ghazal by Rajendra NehraFeb 143Feb 143
Published inmy tukbandiमुद्दे बढ़ते जा रहे हैं और हम भटकते…इन दिनों दिमाग को थोड़ी शांति मिली। समूचे देश में लॉकडाउन लगने के कारण सप्ताहांतों पर इधर-उधर आवाजाही से बचे रहे, साथ ही कार्य-घंटे कम होने…Jun 6, 20211Jun 6, 20211
Published inmy tukbandiइस वेलेंटाइन सप्ताह को हिंदी प्रेम-कविताओं के साथ मनाएं‘My Tukbandi’ के सभी लेखकों एवं पाठकों को हमारा प्यार भरा नमस्ते.Feb 6, 20191Feb 6, 20191
Published inmy tukbandiCelebrate This Valentine’s Week With Hindi Love Poemsइस वेलेंटाइन सप्ताह को हिंदी प्रेम-कविताओं के साथ मनाएंFeb 6, 2019Feb 6, 2019
Published inmy tukbandiMy Crazy Kavita: सर्दी आई और जुकाम आ गया…एक कवी का सर्दियों के मौसम से गहरा ताल्लुक है, वैसे ही जैसे उसका चन्द्रमा अथवा प्रेयसी से है. क्योंकि सर्दियों की रातें लम्बी होती है…Jan 21, 2019Jan 21, 2019
Published inmy tukbandiHindi poem: स्याह जब सहरे-शहर लगेगी…Hindi poem: स्याह जब सहरे-शहर लगेगी... स्याह जब सहरे-शहर लगेगी, गाँव की तरफ ही नजर लगेगी। हम भी लौट जाएंगे यहां से, मुश्किल जब यहां बसर…Jun 30, 20181Jun 30, 20181
Published inmy tukbandiA Poem for Her: एक लड़की बावली सी…A Poem for Her: एक लड़की बावली सी... ㇐㇣㇐ थोड़ी-थोड़ी उतावली सी, एक लड़की बावली सी. जब से मेरी नजर में आई, दिल के खाली नगर में आई. मन का उसके…Apr 2, 20182Apr 2, 20182